कीमत और सपने : कीमत और सपने: एक प्रेरणादायक कहानी.
एक छोटे से गाँव में रवि नाम का एक युवा लड़का रहता था। उसकी आँखों में बड़े सपने थे, और उसके हाथों में जादू था – वह मिट्टी और रंगों से अद्भुत आकृतियाँ बनाता था। उसका सपना था एक दिन बड़ा कलाकार बनना, अपनी कला को दुनिया के सामने लाना। लेकिन गाँव में उसके बूढ़े माता-पिता और एक छोटी बहन थी, जिनकी देखभाल की जिम्मेदारी उसी पर थी।
एक दिन, रवि को शहर के एक प्रतिष्ठित कला विद्यालय में दाखिले का अवसर मिला। यह उसके सपनों की उड़ान थी, पर इसका मतलब था अपने परिवार को छोड़कर दूर जाना। उसके माता-पिता ने उसे खुशी-खुशी जाने को कहा, उनकी आँखों में गर्व था, पर रवि जानता था कि वे उसके बिना अकेले पड़ जाएँगे। यह जिंदगी की सबसे बड़ी कीमत थी जो उससे मांगी जा रही थी – अपने सपनों और अपनों के बीच एक को चुनना।
रवि ने भारी मन से शहर जाने का फैसला किया। शुरुआती दिन बहुत मुश्किल थे। शहर की भाग-दौड़, अकेलापन और परिवार की याद उसे हर पल सताती थी। रात को जब वह अपनी कला बनाता, तो उसे अपने माता-पिता की सूनी आँखें और बहन की मुस्कान याद आती। उसे लगता था कि वह अपने सपनों की खातिर अपनों से दूर हो गया है, और इस दूरी की कीमत बहुत भारी थी।
कई साल बीत गए। रवि ने कड़ी मेहनत की और धीरे-धीरे एक सफल कलाकार बन गया। उसकी प्रदर्शनियाँ लगने लगीं, लोग उसकी कला की सराहना करने लगे। उसने नाम कमाया, पैसा कमाया, लेकिन उसके दिल में एक खालीपन था। उसे अक्सर लगता था कि उसने कुछ खो दिया है, कुछ अनमोल।
एक दिन, वह अपने गाँव लौटा। उसके माता-पिता बूढ़े हो चुके थे, पर उसकी बहन अब बड़ी हो गई थी और उसने गाँव में ही एक छोटा-सा स्कूल खोल लिया था। जब रवि ने अपने माता-पिता को देखा, तो उसकी आँखों में आँसू आ गए। उन्होंने उसे गले लगाया, और उस पल रवि को लगा कि असली खुशी और संतोष यही है, जो उसे शहर की चकाचौंध में कभी नहीं मिला।
उसने अपने गाँव में रहकर अपनी कला को एक नया आयाम देने का फैसला किया। उसने गाँव के बच्चों को कला सिखाना शुरू किया, अपनी कला से गाँव की दीवारों को रंगना शुरू किया। उसने अपनी कला के माध्यम से गाँव की कहानियों को दुनिया तक पहुँचाया। अब उसकी कला में एक नया जीवन था, एक नया अर्थ था। उसने पाया कि जब उसने अपने सपनों को अपनों से जोड़ा, तो उसकी कला और भी गहरी और प्रभावशाली हो गई।
रवि ने सीखा कि जिंदगी वाकई हर किसी से कोई न कोई कीमत वसूल करती है। उसने अपने सपनों के लिए अपनों से दूरी सही, लेकिन उस दूरी ने उसे यह भी सिखाया कि अपनों का साथ और उनके लिए किए गए त्याग से बड़ी कोई दौलत नहीं। उसने अपने सपनों को अपनों की खुशी का जरिया बनाया, और यही उसकी सबसे बड़ी जीत थी। वह अब न केवल एक सफल कलाकार था, बल्कि एक संतुष्ट और खुश इंसान भी था, जिसने कीमत चुकाकर भी जीवन का सबसे अनमोल सबक सीख लिया था।
यह कहानी उस विचार पर आधारित है कि जीवन में हमें अक्सर अपने सपनों और अपने प्रियजनों के बीच चुनाव करना पड़ता है, और हर चुनाव की अपनी एक कीमत होती है। उम्मीद है यह आपको पसंद आएगी।